लॉकडाउन के बाद हम लंच पर एक ही इंसान के साथ रहेंगे। चाय भी उसी के साथ पी लेंगे। घूमना-फ़िरना भी उन्हीं के साथ हो जाएगा। कुछ और होना होगा तो वो भी उन्हीं के साथ हो जाएगा! जब ज़िन्दगी भर ये सारे काम एक ही इंसान के साथ करने हैं तो अलग़-अलग़ लोगों के साथ रहकर क्या करेंगे हम!
ज़रूरत हुई तो बताई भी जाएगी लेकिन बता कर भी क्या करेंगे हम और ज़रूरत हुई तो जताई भी जाएगी लेकिन जता के फिर क्या करेंगे हम.
ज़रूरत हुई तो बताई भी जाएगी लेकिन बता कर भी क्या करेंगे हम और ज़रूरत हुई तो जताई भी जाएगी लेकिन जता के फिर क्या करेंगे हम.