Tuesday, 11 February 2020

मुझे ये नहीं करना जो किये जा रहा हूं

मुझे ये नहीं करना था जो किये जा रहा हूँ, वक़्त बेवक़्त भागना था
,पूरा का पूरा शहर घूमना था,रात को देर तलक जागना था , संवाद आंखों से हो या बातों से हो लेकिन मुझे करना था ,मुझे ये नहीं करना जो किये जा रहा हूं। देर शाम को अलविदा कह के थकना था , कई लड़ाइयां लड़नी थी ,कई कहानियां लिखनी थी , मुझे हर उस दोपहर के लिए तड़पना था और हर उस दोपहर के बाद के तीसरे या चौथे पहर के लिए डरना था ,मुझे ये नहीं करना जो किये जा रहा हूं।

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