दुनिया ने साल 2020 की शुरुआत बड़े जोड़ शोर से की होगी । सब ने इस साल खुद को बेहतर बनाने और देश,दुनिया और समाज को नए हासिये पर गढ़ने के लिए कई रेसॉल्युशन्स लिए होंगे । सब ने सोचा होगा इस साल कुछ ज्यादा पढ़ेंगे ,कुछ ज्यादा खाएंगे-पियेंगे,कुछ ज्यादा जियेंगे। लेकिन कहानी बदलती है मार्च के महीने से , पूरे देश में तालाबंदी हो जाती है और सारे रेसोल्यूशन और सारी रणनीति ठंडे बस्ते में चली जाती है । लोग अपने ही घर के कैदी बन कर रह जाते है । आलम ये है कि परिवार कल्याण फोरम के कहना है कि इस लॉक डाउन का असर लोगों के आपसी रिश्तों पर पड़ेगा और आने वाले समय में तलाक का आंकड़ा बढ़ सकता है। हालांकि आप इसके उज्जवल पक्ष को भी देख सकते है , जो लोग अपने परिवार को समय नहीं दे पाते थे वे अपने परिवार के साथ खूब घुल मिल रहे है ,खूब जान रहे है ,समझ रहे है।
घरों में लगातार रहने से लोग मानसिक अवसाद का शिकार भी हो रहे है । ऐसे समय में खुद को खुश रखने की ज़रूरत है । घर में बैठे है तो खाना बनाना ही सिख ले, योग करें या अपने किसी डेड टैलेंट को पुनर्जीवित करने का प्रयास करें। ये समय तो निश्चित ही बीत जाएगा और आप सब फिर से बाज़ारों के शोर को सुन्न सकेंगे लेकिन ज़रूरत है खुद को मानसिक तौर पर ज़िंदा रखना ,वरना कोरोना न सही अवसाद तो आपको मार ही चुका होगा।