उन दोस्तों को माफ़ी, जिन्होंने अपने प्रेमियों की परवाह में ये परवाह करनी छोड़ दी कि एक दोस्त भी है. उन दोस्तों से माफ़ी, जिन्हें इस कगार पर पहुंचाने में कुछ हाथ हमारा भी रहा.
उन दोस्तों से भी माफ़ी, जिन्हें नए-पुराने दोस्तों के लिहाज में कुछ नए काज में कम गले लगाया. उनको ये कम बताया कि तू अब भी मेरा यार है. तू भी पुराना प्यार है.
उन दोस्तों को भी माफ़ी, जिनकी आंखों में अब आंसुओं की जगह चमक है. तो क्या हुआ जो रिश्तों में अब कुछ कम नमक है. नमकीन आंसू रिश्तों के नमक भी ले गए, ज़िंदगी के सबक दे गए.
माफ़ी उन दोस्तों से भी, जिन्हें लगा और लगता रहा कि हम कुछ बदल गए, ये सोचकर वो बिन बताए रिश्तों से निकल गए. गुनाह हमारा इतना था कि 'हमने कहा था वो सच, जो हर किसी की जु़बां पर था. मगर सच हो जाते हैं ज़हरीले.'
उन दोस्तों से भी जी भर माफ़ी, जिनके साथ को... स्नेह भरे हाथ को जकड़े जा चुके कंधों से मचकाकर गिरा दिया. रिश्तों की आज़ादी, सांस लेने की गुंजाइशों को पहले तुमने, फिर हमने दीवारों में चुनवा दिया.
उन दोस्तों से सबसे ज़्यादा माफ़ी, जिन्हें पता है कि मैं ग़लत हूं. इन दोस्तों को माफ़ी भी कि इन्हें पता है, फिर भी कहां पता है कि बचे रिश्तों के घर का क्या पता है.
उन दोस्तों को माफ़ी जिन्होंने बीते महीने कई रंग बदले।
उन दोस्तों से माफ़ी जिन्हें हमसें सिर्फ़ दोस्ती चाहिए थी और हमने दोस्ती के साथ साथ कई रिश्तों का फ्री वाउचर दे दिया ।
उन दोस्तों से माफी जिसने मुझे कभी मेरी कमियों की वजह से जज नहीं किया और हर गलती को सही बताने में लगे रहे ।
उन सब अच्छे बुरे दोस्तों को दिल से माफ़ी मांगी और दी जा रही है क्योंकि दिल जो हमारा है न बड़ा दोगला है; सबका ही हो लेता है।
उन दोस्तों से भी माफ़ी, जिन्हें नए-पुराने दोस्तों के लिहाज में कुछ नए काज में कम गले लगाया. उनको ये कम बताया कि तू अब भी मेरा यार है. तू भी पुराना प्यार है.
उन दोस्तों को भी माफ़ी, जिनकी आंखों में अब आंसुओं की जगह चमक है. तो क्या हुआ जो रिश्तों में अब कुछ कम नमक है. नमकीन आंसू रिश्तों के नमक भी ले गए, ज़िंदगी के सबक दे गए.
माफ़ी उन दोस्तों से भी, जिन्हें लगा और लगता रहा कि हम कुछ बदल गए, ये सोचकर वो बिन बताए रिश्तों से निकल गए. गुनाह हमारा इतना था कि 'हमने कहा था वो सच, जो हर किसी की जु़बां पर था. मगर सच हो जाते हैं ज़हरीले.'
उन दोस्तों से भी जी भर माफ़ी, जिनके साथ को... स्नेह भरे हाथ को जकड़े जा चुके कंधों से मचकाकर गिरा दिया. रिश्तों की आज़ादी, सांस लेने की गुंजाइशों को पहले तुमने, फिर हमने दीवारों में चुनवा दिया.
उन दोस्तों से सबसे ज़्यादा माफ़ी, जिन्हें पता है कि मैं ग़लत हूं. इन दोस्तों को माफ़ी भी कि इन्हें पता है, फिर भी कहां पता है कि बचे रिश्तों के घर का क्या पता है.
उन दोस्तों को माफ़ी जिन्होंने बीते महीने कई रंग बदले।
उन दोस्तों से माफ़ी जिन्हें हमसें सिर्फ़ दोस्ती चाहिए थी और हमने दोस्ती के साथ साथ कई रिश्तों का फ्री वाउचर दे दिया ।
उन दोस्तों से माफी जिसने मुझे कभी मेरी कमियों की वजह से जज नहीं किया और हर गलती को सही बताने में लगे रहे ।
उन सब अच्छे बुरे दोस्तों को दिल से माफ़ी मांगी और दी जा रही है क्योंकि दिल जो हमारा है न बड़ा दोगला है; सबका ही हो लेता है।